Pathankot: ईश्वर की रक्षा से बच गई जानें, इनोवा की जम्मू मेल से टक्कर, सभी की जिंदगी बची
Pathankot: रविवार की सुबह, नंगलभूर के पास हुए एक हादसे में इनोवा और जम्मू मेल के बीच टकराव हुआ, जिसमें इनोवा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई, लेकिन इसमें सवार सभी छह लोगों की जान बच गई। यह घटना सभी ने Maa Sherawali की कृपा और आशीर्वाद का परिणाम माना। दुर्घटना के बाद ट्रेन करीब एक घंटे पंद्रह मिनट तक रुकी रही। इस हादसे के बाद, आरपीएफ पठानकोट कैंट ने रेलवे एक्ट की धारा 153 के तहत ड्राइवर राहुल के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच शुरू की है।
हादसे का विवरण
शनिवार रात को, महामाई के जागरण के बाद, जागरण पार्टी इनोवा से काठगढ़ मंदिर की ओर जा रही थी। इस बीच, मीरथल रेलवे गेट बंद हो जाने के कारण ड्राइवर को किसी ने बताया कि इस स्थिति में एक रास्ता है जिससे कार बाहर जा सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, ड्राइवर ने इनोवा को निकालने की कोशिश की।
इसी समय, दिल्ली से कटरा जा रही जम्मू मेल वहां पहुंच गई और इनोवा उसकी चपेट में आ गई। ट्रेन ने इनोवा को करीब 15 मीटर तक घसीटा। ट्रेन के ड्राइवर ने तुरंत ट्रेन की गति कम कर दी। सौभाग्य से, इनोवा इंजन के टकराने के बाद बाहर की ओर घूम गई।
संभावित बड़ा हादसा टला
यदि इनोवा अंदर की ओर घुमती, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। हालांकि, इनोवा का बाहर की ओर मुड़ जाना एक राहत की बात थी। घटना की सूचना मिलते ही आरपीएफ टीम मौके पर पहुंच गई। उन्होंने इनोवा को किनारे कराया और रेल यातायात को फिर से शुरू किया।
दुर्घटना के बाद की स्थिति
दुर्घटना के बाद, सभी यात्री और चालक ने Maa Sherawali का धन्यवाद किया और कहा कि उनकी कृपा और आशीर्वाद से ही उनकी जान बच गई। दुर्घटना के बाद की स्थिति के मद्देनजर, रेलवे प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की और स्थिति को नियंत्रण में किया।
आरपीएफ की कार्रवाई
आरपीएफ पठानकोट कैंट ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ड्राइवर राहुल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। मामले की जांच के दौरान, यह पता लगाया जाएगा कि दुर्घटना के समय गेट बंद होने की स्थिति में क्या सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था या नहीं।
घटना के महत्व
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि सुरक्षा मानकों का पालन कितना महत्वपूर्ण है और किस प्रकार एक छोटी सी चूक एक बड़े हादसे का कारण बन सकती है। यह भी दर्शाता है कि ईश्वर की रक्षा और आशीर्वाद पर भरोसा रखना और दुर्घटनाओं के बाद सही समय पर उचित कार्रवाई करना कितना महत्वपूर्ण होता है।